नई दिल्ली: Birubala Rabha passes away जीवनभर टोना टोटका व डायन हत्या जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ लड़ने वाली पद्मश्री बिरुबाला राभा का आज सोमवार को निधन हो गया। वे गुवाहाटी के एक सरकारी अस्पताल में अंतिम सांस ली है। बताया जा रहा है कि पद्मश्री बिरुबाला राभा 70 साल की थी। राभा के निधन पर मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने शोक व्यक्त किया और राभा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने की घोषणा की।
असम के गोलपारा जिले में हुआ था जन्म
Birubala Rabha passes away आपको बता दें कि पद्मश्री बिरुबाला राभा का जन्म ठाकुरविला नामक गांव के एक किसान परिवार में 1954 में हुआ था। कक्षा पांचवी के बाद वे पढ़ाई छोड़ दी। जिसके बाद वो सामाजिक गतिविधियों में शामिल रही।
वर्ष 2000 से उन्होंने समाज में प्रचलित जादू-टोना के खिलाफ काम किया। पिछले दो दशकों से वह ग्वालपाड़ा जिले में फैले अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए अथक संघर्ष किया। उन्होंने गांवों में जाकर अंधविश्वासों के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की कोशिश की। राभा ने असम में जादू-टोने के संदेह में प्रताड़ित कई लोगों की मदद की थी।
Assam: Padma Shri Birubala Rabha, anti-witch hunting activist passes away battling cancer
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— ANI Digital (@ani_digital) May 13, 2024