योगिता देवांगन/रायपुर: प्राचीन काल ले राजिम छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक केन्द्र रहे हे। इतिहासकार अउ पुरातत्वविद मन बर राजिम आर्कसन के केन्द्र हवय। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर ले राजिम 45 कि.मी. के दूरी म स्थित हवय। ऐला छत्तीसगढ़ के प्रयाग घलो कहे जाथे। राजिम म पैरी, सोढंूर अउ महानदी के ’त्रिवेणी संगम’ हवय। राजिम म राजिव लोचन अउ कुलेश्वर नाथ भगवान के प्रसिद्ध मंदिर हे, ईहा जगन्नाथ मंदिर, तेलिन माता मंदिर नदी के संगम म मामा भांजा मंदिर अउ लोमश रिसी के आश्रम घलो हे। ईहा सबले प्राचीन मंदिर राजिव लोचन भगवान के हे जेकर निर्माण 5वीं सदी में नलवंशीय शासक विलासतुंग अउ कलचूरी शासक जाजल्य देव के काल में निर्माण अउ जीर्णोद्धार होये रहिस हे। 14वीं अउ 15वीं सदी में कुलेशवर महादेव मंदिर के निर्माण होये रहिस हे। मानता हे कि भगवान राम ह वनवास के बखत म माता सीता संग कुलेशवर महादेव के पुजा करे रहिस।
राजिम के प्राचीन राजीवलोचन मंदिर ह चर्तुथाकार रूप म बने हे जेकर गर्भगृह मे राजिवलोचन जेला भगवान विष्णु के अवतार माने जाथे, विराजमान हवय। जेकर हाथ म शंख, चक्र, गदा अउ पद्म हे। मंदि के चारो ओर नरसिंह अवतार, बद्री अवतार, वामनावतार, वराह अवतार के मंदिर ह स्थित हे। राजिम ले 16 कि.मी. के दूरी म कोपेश्वर महादेव के मंदिर हे। इंहा भगवान शिव के मंदिर हावय।
राजिम के उत्तर दिसा म 14 कि.मी. दूर चम्पारण गांव हवय। ईहा चंपकेश्वर महादेव के मंदिर हे जेकर अर्थ चम्पा के फूल के नाम म रखे गे हे। चंपकेश्वर महादेव ल तत्पुरूष महादेव घलो कहे जाथे।
राजिम म माघ मास म पुन्नी के मेला घलो लगथे जेन ह हमर छत्तीसगढ़ म राजिम माघी पुन्नी मेला या राजिम कुंभ के नाम ले प्रसिद्ध हवय।
राजिम मंदिर पहुंचे बर ईहा सबसे नजदिक रायपुर मे स्थित एयरपोर्ट हे जे ह राजिम ले 43 कि.मी. दूर हे। रायपुर ले टैक्सी या बस के माध्यम ले आसानी ले आ सकथे। राजिम देश के सब्बो सड़क मार्ग ले बहुत सुगमता ले जुड़े हे जेकर सहायता ले यात्री बढ़ आसानी ले आ सकत हे। योगिता देवांगन